आज का पंचांग(17 अक्टूबर 2025)|तिथि, नक्षत्र, योग, पर्व, शुभ मुहूर्त, राशिफल

पंचांग का संक्षिप्त विवरण (Summary)

17 अक्टूबर 2025, शुक्रवार का दिन अत्यंत विशेष और शुभ है। इस दिन रामा एकादशी, तुला संक्रांति और गोवत्स द्वादशी का संयोग बन रहा है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि होने के कारण यह दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना के लिए अत्यंत फलदायी है। शुभ कार्यों के लिए अभिजित मुहूर्त का लाभ लें और राहुकाल से बचें।

आज का पूर्ण पंचांग विवरण | Today Panchang Hindi

दिनांक और वार (Date & Day)

  • तिथि: 17 अक्टूबर 2025
  • वार: शुक्रवार (Friday)
  • विक्रम संवत: 2082 कालयुक्त
  • शक संवत: 1947 विश्ववसु

हिंदू पंचांग की मुख्य जानकारी

माह और पक्ष

  • चंद्रमास: कार्तिक (पूर्णिमांत)
  • चंद्रमास: आश्विन (अमांत)
  • पक्ष: कृष्ण पक्ष
  • ऋतु: शरद ऋतु

तिथि विवरण (Tithi)

  • तिथि: कार्तिक कृष्ण पक्ष एकादशी
  • तिथि प्रारंभ: 16 अक्टूबर 2025, सुबह 10:35 बजे
  • तिथि समाप्ति: 17 अक्टूबर 2025, सुबह 11:12 बजे तक
  • अगली तिथि: द्वादशी

नक्षत्र (Nakshatra)

  • आज का नक्षत्र: मघा नक्षत्र
  • नक्षत्र समाप्ति: दोपहर 01:59 बजे तक
  • अगला नक्षत्र: पूर्वा फाल्गुनी

योग (Yoga)

  • आज का योग: शुक्ल योग
  • योग समाप्ति: रात 01:48 बजे तक (18 अक्टूबर)

करण (Karana)

  • आज का करण: बालव करण
  • करण समाप्ति: सुबह 11:14 बजे तक

आज के विशेष पर्व और त्योहार

1. रामा एकादशी (Rama Ekadashi)

रामा एकादशी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। यह भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित व्रत है।

रामा एकादशी का महत्व:

  • इस व्रत से सभी पापों का नाश होता है
  • भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है
  • धन-धान्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है
  • 100 राजसूय यज्ञ और 1000 अश्वमेध यज्ञ के समान फल मिलता है

व्रत विधि:

  • दशमी तिथि के दिन सूर्यास्त से पूर्व एक बार सात्विक भोजन करें
  • एकादशी के दिन निर्जला व्रत रखें या फलाहार करें
  • चावल और अन्न का सेवन वर्जित है
  • भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करें
  • तुलसी के पत्ते अर्पित करें
  • विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें

पारणा समय (व्रत खोलने का समय):

  • तिथि: 18 अक्टूबर 2025, शनिवार
  • पारणा मुहूर्त: सुबह 05:40 बजे से 07:58 बजे तक
  • द्वादशी समाप्ति: दोपहर 12:18 बजे

2. तुला संक्रांति (Tula Sankranti)

17 अक्टूबर को सूर्य देव का तुला राशि में प्रवेश हो रहा है। यह अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है।

तुला संक्रांति का महत्व:

  • दान-पुण्य का विशेष महत्व
  • पितरों की शांति के लिए तर्पण
  • गंगा स्नान का विशेष फल
  • तिल और गुड़ का दान शुभ

तुला संक्रांति पर करें ये उपाय:

  • प्रातःकाल स्नान करें
  • सूर्य देव को अर्घ्य दें
  • गरीबों को भोजन कराएं
  • तिल, गुड़, वस्त्र का दान करें
  • पितरों का श्राद्ध-तर्पण करें

3. गोवत्स द्वादशी (Govatsa Dwadashi)

यह पर्व गाय और बछड़े की पूजा से संबंधित है।

महत्व:

  • गाय और बछड़े की पूजा से गौ माता प्रसन्न होती हैं
  • पशु धन में वृद्धि होती है
  • सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है

आज का सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त समय

सूर्य का समय (Sunrise & Sunset)

  • सूर्योदय: प्रातः 05:57 बजे (लगभग)
  • सूर्यास्त: सांय 05:29 बजे (लगभग)
  • दिन की अवधि: लगभग 11 घंटे 32 मिनट

चंद्रमा का समय (Moonrise & Moonset)

  • चंद्रोदय: प्रातः 02:07 बजे (18 अक्टूबर)
  • चंद्रास्त: सांय 04:52 बजे (लगभग)
  • चंद्र राशि: कर्क राशि (दोपहर तक), फिर सिंह राशि

आज के शुभ मुहूर्त | Today Shubh Muhurat

अभिजित मुहूर्त (Abhijit Muhurat)

  • समय: 11:20 बजे से 12:06 बजे तक
  • अवधि: 46 मिनट
  • कार्य: सभी शुभ कार्यों के लिए उत्तम

ब्रह्म मुहूर्त (Brahma Muhurta)

  • समय: प्रातः 04:21 बजे से 05:09 बजे तक
  • कार्य: साधना, ध्यान, योग और पूजा-पाठ के लिए सर्वश्रेष्ठ

विजय मुहूर्त (Vijaya Muhurta)

  • समय: दोपहर 01:52 बजे से 02:38 बजे तक
  • कार्य: विजय की कामना से किए जाने वाले कार्यों के लिए

गोधूलि मुहूर्त (Godhuli Muhurta)

  • समय: सूर्यास्त के समय (सांय 05:15 बजे से 05:43 बजे)
  • कार्य: पूजा-पाठ और धार्मिक कार्यों के लिए शुभ

अमृत काल (Amrit Kaal)

  • समय: रात 11:42 बजे से 01:12 बजे तक (18 अक्टूबर)
  • कार्य: विशेष साधना और मंत्र जप के लिए

आज के अशुभ मुहूर्त | Inauspicious Timings

राहुकाल (Rahu Kaal)

  • समय: सुबह 10:16 बजे से 11:43 बजे तक
  • अवधि: लगभग 1 घंटा 27 मिनट
  • सावधानी: इस समय कोई नया या शुभ कार्य न करें

शुक्रवार को राहुकाल सुबह के समय रहता है। इस दौरान किसी भी प्रकार के शुभ कार्य, यात्रा प्रारंभ करना, नया व्यवसाय शुरू करना, विवाह, गृह प्रवेश आदि कार्य वर्जित हैं।

यमघंट काल (Yamaghanta Kaal)

  • समय: दोपहर 02:36 बजे से 04:02 बजे तक
  • सावधानी: अशुभ समय, महत्वपूर्ण कार्य टालें

गुलिक काल (Gulika Kaal)

  • समय: प्रातः 07:23 बजे से 08:50 बजे तक
  • सावधानी: शुभ कार्यों से बचें

दुर्मुहूर्त (Durmuhurta)

  • प्रथम दुर्मुहूर्त: सुबह 08:34 बजे से 09:20 बजे तक
  • द्वितीय दुर्मुहूर्त: दोपहर 12:06 बजे से 12:52 बजे तक

वर्ज्यम काल (Varjyam Kaal)

  • समय: रात्रि के कुछ अंश (स्थानीय पंचांग देखें)
  • सावधानी: इस समय शुभ कार्य न करें

विभिन्न प्रमुख पंचांगों के अनुसार जानकारी

1. विजया पंचांग (Vijaya Panchang)

  • विजया पंचांग उत्तर भारत में सर्वाधिक मान्य है
  • तिथि: कार्तिक कृष्ण एकादशी
  • नक्षत्र: मघा
  • योग: शुक्ल

2. दृक पंचांग (Drik Panchang)

  • खगोलीय गणना पर आधारित सटीक पंचांग
  • सूर्योदय और सूर्यास्त का सही समय प्रदान करता है
  • सभी मुहूर्त सटीक स्थान के अनुसार

3. कालनिर्णय पंचांग (Kalanirnaya Panchang)

  • धार्मिक अनुष्ठानों के लिए विशेष रूप से उपयोगी
  • व्रत-त्योहारों की सटीक जानकारी
  • शास्त्रीय गणना पर आधारित

4. लाला रामनारायण पंचांग

  • पारंपरिक और प्रामाणिक पंचांग
  • उत्तर भारत में व्यापक रूप से प्रयुक्त
  • सभी तिथियों की स्पष्ट जानकारी

5. कश्मीरी पंचांग

  • कश्मीर और उत्तरी क्षेत्रों में मान्य
  • स्थानीय समय के अनुसार समायोजित

आज करने योग्य कार्य

शुक्रवार को माता लक्ष्मी और शुक्र देव का दिन माना जाता है। आज के दिन निम्न कार्य शुभ हैं:

धार्मिक कार्य:

  • रामा एकादशी का व्रत
  • भगवान विष्णु की पूजा
  • माता लक्ष्मी की आराधना
  • तुलसी पूजा
  • गौ सेवा और गोवत्स द्वादशी पूजा

सामान्य शुभ कार्य:

  • नए वस्त्र और आभूषण खरीदना (राहुकाल के बाद)
  • सौंदर्य उपचार
  • कला और संगीत से जुड़े कार्य
  • विवाह संबंधी वार्तालाप
  • सुगंधित पदार्थ खरीदना

दान और पुण्य:

  • गरीबों को भोजन कराना
  • वस्त्र दान
  • तिल और गुड़ का दान
  • गायों को हरा चारा खिलाना

आज न करें ये कार्य

वर्जित कार्य:

  • राहुकाल में कोई शुभ कार्य प्रारंभ न करें
  • एकादशी के दिन चावल और अन्न का सेवन न करें (व्रत करने वालों के लिए)
  • तामसिक भोजन से बचें
  • झूठ बोलने और निंदा से बचें
  • क्रोध और कलह से दूर रहें

राशि अनुसार आज का दिन

मेष राशि

आज का दिन मध्यम रहेगा। व्यापार में सावधानी बरतें।

वृषभ राशि

शुक्रवार आपके लिए अत्यंत शुभ है। धन लाभ के योग हैं।

मिथुन राशि

मानसिक शांति बनी रहेगी। पारिवारिक सुख की प्राप्ति होगी।

कर्क राशि

भावनात्मक रूप से संवेदनशील दिन। धैर्य बनाए रखें।

सिंह राशि

आत्मविश्वास बढ़ेगा। नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन करेंगे।

कन्या राशि

स्वास्थ्य का ध्यान रखें। कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी।

तुला राशि

सूर्य की तुला राशि में प्रवेश से विशेष योग। नई शुरुआत के लिए अच्छा समय।

वृश्चिक राशि

गुप्त शत्रुओं से सावधान रहें। धार्मिक कार्यों में समय व्यतीत करें।

धनु राशि

भाग्योदय के संकेत। शुभ समाचार मिल सकते हैं।

मकर राशि

कठिन परिश्रम फलदायी होगा। करियर में प्रगति के अवसर।

कुंभ राशि

सामाजिक कार्यों में सफलता। मित्रों का साथ मिलेगा।

मीन राशि

आध्यात्मिक झुकाव बढ़ेगा। ध्यान-साधना के लिए उत्तम दिन।

पंचांग का महत्व

पंचांग हिंदू धर्म में समय गणना की प्राचीन और वैज्ञानिक पद्धति है। ‘पंचांग’ शब्द संस्कृत के ‘पंच’ (पांच) और ‘अंग’ (अंग) से मिलकर बना है। इसके पांच प्रमुख अंग हैं:

1. तिथि (Tithi): चंद्र दिवस 2. वार (Vara): सप्ताह का दिन 3. नक्षत्र (Nakshatra): चंद्र मंजिल या तारा समूह 4. योग (Yoga): सूर्य-चंद्र का संयोग 5. करण (Karana): तिथि का आधा भाग

पंचांग का उपयोग क्यों करें?

  • शुभ मुहूर्त का निर्धारण: विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण आदि के लिए
  • त्योहारों की जानकारी: सभी हिंदू त्योहार पंचांग के अनुसार मनाए जाते हैं
  • व्रत-उपवास: एकादशी, प्रदोष, संकष्टी चतुर्थी आदि की सही तिथि
  • ज्योतिषीय गणना: कुंडली मिलान और भविष्यफल के लिए
  • कृषि कार्य: बुआई और कटाई के लिए शुभ समय

विशेष सुझाव और उपाय

आज के दिन के लिए विशेष उपाय:

1. रामा एकादशी के लिए:

  • तुलसी के पत्ते अर्पित करें
  • विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें
  • शालिग्राम की पूजा करें
  • दीपक जलाएं

2. तुला संक्रांति के लिए:

  • सूर्योदय के समय स्नान करें
  • सूर्य देव को जल अर्पित करें
  • तिल और गुड़ का दान करें
  • पितरों का तर्पण करें

3. सामान्य उपाय:

  • प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में जागें
  • स्नान के बाद भगवान की पूजा करें
  • दिन में कम से कम एक बार तुलसी के पौधे को जल दें
  • गरीबों की मदद करें

FAQs

प्रश्न 1: आज कौन सी तिथि है? उत्तर: आज कार्तिक कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि है।

प्रश्न 2: आज कौन सा त्योहार है? उत्तर: आज रामा एकादशी, तुला संक्रांति और गोवत्स द्वादशी है।

प्रश्न 3: आज का राहुकाल कितने बजे है? उत्तर: आज राहुकाल सुबह 10:16 बजे से 11:43 बजे तक है।

प्रश्न 4: एकादशी व्रत कब खोलना है? उत्तर: एकादशी पारणा 18 अक्टूबर को सुबह 05:40 से 07:58 बजे के बीच करें।

प्रश्न 5: क्या आज शुभ कार्य किए जा सकते हैं? उत्तर: हां, राहुकाल को छोड़कर अभिजित मुहूर्त में शुभ कार्य किए जा सकते हैं।

निष्कर्ष

17 अक्टूबर 2025 का दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। रामा एकादशी, तुला संक्रांति और गोवत्स द्वादशी के शुभ संयोग से यह दिन विशेष फलदायी बन गया है। इस दिन व्रत-उपवास, दान-पुण्य और धार्मिक अनुष्ठान करने से विशेष लाभ मिलता है। शुभ मुहूर्त का लाभ उठाएं और अशुभ समय से बचें। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति की प्राप्ति हो।

जय श्री विष्णु! जय माता लक्ष्मी!

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