आज का पंचांग 14 अक्टूबर 2025 | Aaj Ka Panchang in Hindi 2025 Today

आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang Today) देखना हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले अत्यंत आवश्यक माना जाता है। पंचांग हमें तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण की सटीक जानकारी देता है, जिससे हम अपने महत्वपूर्ण कार्यों को शुभ मुहूर्त में कर सकें।

इस लेख में हम आपको 14 अक्टूबर 2025, मंगलवार के पंचांग की संपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही आपको यह भी बताएंगे कि पंचांग क्या है, इसके पांच अंग कौन से हैं, और आज का दिन किन कार्यों के लिए शुभ है।

आज का पंचांग – त्वरित जानकारी (Quick Summary)

14 अक्टूबर 2025, मंगलवार

विवरणसमय/नाम
वारमंगलवार (Tuesday)
तिथिकृष्ण पक्ष अष्टमी (सुबह 11:09 AM तक), फिर नवमी
नक्षत्रपुनर्वसु (सुबह 11:54 AM तक), फिर पुष्य
योगसिद्ध योग (पूरा दिन)
करणकौलव (सुबह 11:10 AM तक), फिर तैतिल
पक्षकृष्ण पक्ष (Krishna Paksha)
मासकार्तिक मास (पूर्णिमांत), आश्विन मास (अमांत)
विक्रम संवत2082 (कालयुक्त)
शक संवत1947 (विश्वावसु)
राशिमिथुन राशि (Gemini)

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

समय विवरणआज का समय
सूर्योदय (Sunrise)प्रातः 06:27 AM
सूर्यास्त (Sunset)सायं 05:58 PM
दिन की लंबाई11 घंटे 31 मिनट

चंद्रोदय और चंद्रास्त का समय

समय विवरणआज का समय
चंद्रोदय (Moonrise)रात्रि 08:13 PM
चंद्रास्त (Moonset)प्रातः 09:46 AM
चंद्र राशिमिथुन (Gemini)
चंद्र नक्षत्रपुनर्वसु

आज का पंचांग – त्वरित जानकारी (Quick Summary)

14 अक्टूबर 2025, मंगलवार

विवरणसमय/नामवार - मंगलवार (Tuesday)
तिथि- कृष्ण पक्ष अष्टमी (सुबह 11:09 AM तक), फिर नवमीनक्षत्रपुनर्वसु (सुबह 11:54 AM तक), फिर पुष्ययोगसिद्ध योग (पूरा दिन)करणकौलव (सुबह 11:10 AM तक), फिर तैतिलपक्षकृष्ण पक्ष (Krishna Paksha)मासकार्तिक मास (पूर्णिमांत), आश्विन मास (अमांत)विक्रम संवत2082 (कालयुक्त)शक संवत1947 (विश्वावसु)राशिमिथुन राशि (Gemini)

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

समय विवरणआज का समयसूर्योदय (Sunrise)प्रातः 06:27 AMसूर्यास्त (Sunset)सायं 05:58 PMदिन की लंबाई11 घंटे 31 मिनट

चंद्रोदय और चंद्रास्त का समय

समय विवरणआज का समयचंद्रोदय (Moonrise)रात्रि 08:13 PMचंद्रास्त (Moonset)प्रातः 09:46 AMचंद्र राशिमिथुन (Gemini)चंद्र नक्षत्रपुनर्वसु

आज के शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat Today)

1. अभिजीत मुहूर्त (Abhijit Muhurat)

समय: दोपहर 12:00 PM से 12:48 PM तक (लगभग)

अभिजीत मुहूर्त दिन का सबसे शुभ समय माना जाता है। यह 48 मिनट का होता है और मध्याह्न के समय आता है। इस मुहूर्त में सभी प्रकार के शुभ कार्य किए जा सकते हैं।

अभिजीत मुहूर्त में क्या करें:

  • नया व्यवसाय शुरू करना
  • वाहन खरीदना
  • यात्रा प्रारंभ करना
  • संपत्ति खरीदना
  • शिक्षा आरंभ करना
  • विवाह संबंधी बातचीत

2. ब्रह्म मुहूर्त (Brahma Muhurat)

समय: प्रातः 04:51 AM से 05:39 AM तक

ब्रह्म मुहूर्त आध्यात्मिक साधना के लिए सर्वश्रेष्ठ समय है।

ब्रह्म मुहूर्त में क्या करें:

  • योग और ध्यान
  • मंत्र जप
  • पूजा-पाठ
  • अध्ययन

3. गोधूलि बेला (Godhuli Bela)

समय: सायं 05:58 PM से 06:22 PM तक

सूर्यास्त के समय का यह काल पूजा-अर्चना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

4. सायं संध्या (Evening Sandhya)

समय: सायं 05:58 PM से 06:47 PM तक

यह समय संध्या वंदन और आरती के लिए उत्तम है।

आज के अशुभ समय (Ashubh Samay)

1. राहुकाल (Rahu Kaal)

समय: दोपहर 03:05 PM से शाम 04:32 PM तक

राहुकाल में कोई भी नया या शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। यह समय अत्यंत अशुभ माना जाता है।

राहुकाल में क्या न करें:

  • विवाह
  • गृह प्रवेश
  • वाहन खरीदना
  • नई नौकरी ज्वाइन करना
  • यात्रा शुरू करना
  • संपत्ति खरीदना
  • महत्वपूर्ण बैठक

राहुकाल में क्या कर सकते हैं:

  • नियमित काम
  • हनुमान जी की पूजा
  • पढ़ाई-लिखाई

2. यमघंट (Yamghanta)

समय: प्रातः 09:15 AM से 10:03 AM तक

यमघंट का समय भी अशुभ कार्यों के लिए वर्जित है।

3. गुलिक काल (Gulika Kaal)

समय: सुबह 10:51 AM से 12:15 PM तक

इस समय में भी शुभ कार्य टालने चाहिए।

4. वार वेला (Vaar Vela)

समय: दोपहर 12:00 PM से 01:24 PM तक

नोट: मंगलवार को राहुकाल दोपहर में होता है, जबकि अन्य वारों में अलग-अलग समय होता है।

आज का विस्तृत पंचांग विवरण

1. तिथि (Tithi) – आज की तिथि क्या है?

कृष्ण पक्ष अष्टमी (सुबह 11:09 AM तक)
कृष्ण पक्ष नवमी (11:09 AM से अगले दिन सुबह तक)

अष्टमी तिथि का महत्व:

  • कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कालाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है
  • भगवान काल भैरव की पूजा का दिन
  • इस तिथि पर भगवान शिव की आराधना विशेष फलदायी होती है
  • दुर्गा अष्टमी का भी महत्व होता है

नवमी तिथि का महत्व:

  • महानवमी के रूप में प्रसिद्ध
  • मां दुर्गा की पूजा के लिए शुभ
  • कृष्ण पक्ष की नवमी पर नाग देवता की पूजा होती है

2. नक्षत्र (Nakshatra) – आज कौन सा नक्षत्र है?

पुनर्वसु नक्षत्र (सुबह 11:54 AM तक)
पुष्य नक्षत्र (11:54 AM के बाद)

पुनर्वसु नक्षत्र की विशेषता:

  • स्वामी: देवराज इंद्र एवं बृहस्पति
  • अर्थ: “पुनः सौभाग्यशाली होना”
  • यह 7वां नक्षत्र है
  • राशि: मिथुन और कर्क
  • गुण: शांत, सकारात्मक, धार्मिक

पुनर्वसु नक्षत्र में शुभ कार्य:

  • यात्रा करना
  • नया व्यवसाय शुरू करना
  • शिक्षा आरंभ करना
  • संपत्ति खरीदना
  • विवाह संबंधी बातचीत

पुष्य नक्षत्र की विशेषता:

  • स्वामी: शनि देव और बृहस्पति
  • यह सबसे शुभ नक्षत्रों में से एक है
  • पुष्य का अर्थ है “पोषण देने वाला”
  • इसे “श्रेष्ठ नक्षत्र” भी कहते हैं

पुष्य नक्षत्र में शुभ कार्य:

  • सभी प्रकार के शुभ कार्य
  • विवाह
  • गृह प्रवेश
  • वाहन खरीदना
  • नई नौकरी शुरू करना

3. योग (Yoga) – आज कौन सा योग है?

सिद्ध योग (पूरे दिन और रात)

सिद्ध योग का महत्व:

  • यह 27 योगों में से एक अत्यंत शुभ योग है
  • इस योग में किया गया कार्य सिद्ध होता है
  • विद्या प्राप्ति के लिए सर्वोत्तम
  • मंत्र सिद्धि के लिए उत्तम समय
  • नए कार्य शुरू करने के लिए बहुत शुभ

सिद्ध योग में क्या करें:

  • नई विद्या सीखना
  • मंत्र साधना
  • ध्यान और योगाभ्यास
  • गुरु से दीक्षा लेना
  • धार्मिक कार्य
  • नया व्यवसाय शुरू करना

नोट: आज का दिन आडल योग से भी प्रभावित है, जो अशुभ माना जाता है। इसलिए शुभ कार्य करने से पहले ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें।

4. करण (Karana) – आज कौन सा करण है?

कौलव करण (सुबह 11:10 AM तक)
तैतिल करण (11:10 AM से रात 10:47 PM तक)

कौलव करण:

  • यह चर करण है
  • इस करण में सामान्य कार्य किए जा सकते हैं
  • व्यापार के लिए उपयुक्त

तैतिल करण:

  • यह भी चर करण है
  • इसमें व्यापारिक गतिविधियां शुभ रहती हैं
  • धन संबंधी कार्य अच्छे होते हैं

5. वार (Weekday) – आज कौन सा वार है?

मंगलवार (Tuesday)

मंगलवार का स्वामी: मंगल ग्रह (Mars)

मंगलवार की विशेषता:

  • रंग: लाल
  • देवता: हनुमान जी और मंगल देव
  • ग्रह: मंगल
  • उपवास: हनुमान व्रत
  • दिशा: दक्षिण

मंगलवार को क्या करें:

  • हनुमान चालीसा का पाठ
  • हनुमान जी की पूजा
  • मंगल ग्रह शांति के उपाय
  • लाल वस्त्र दान करना
  • मसूर की दाल का दान

मंगलवार के शुभ कार्य:

  • भूमि खरीदना
  • संपत्ति खरीदना
  • मुकदमे से संबंधित कार्य
  • शस्त्र खरीदना
  • शारीरिक व्यायाम शुरू करना

विभिन्न पंचांगों के अनुसार आज की तारीख

भारत में विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग पंचांग प्रचलित हैं। आइए जानते हैं सभी प्रमुख पंचांगों के अनुसार आज की तारीख:

1. विक्रम संवत (Vikram Samvat)

संवत: 2082 (कालयुक्त)
मास: कार्तिक मास (पूर्णिमांत पद्धति)
पक्ष: कृष्ण पक्ष
तिथि: अष्टमी/नवमी

विक्रम संवत के बारे में:

  • यह उत्तर भारत में सबसे अधिक प्रचलित है
  • इसकी शुरुआत 57 ईसा पूर्व में हुई थी
  • राजा विक्रमादित्य द्वारा स्थापित
  • यह ग्रेगोरियन कैलेंडर से 57 वर्ष आगे है

2. शक संवत (Saka Samvat)

संवत: 1947 (विश्वावसु)
मास: आश्विन मास
तिथि: कृष्ण पक्ष अष्टमी/नवमी

शक संवत के बारे में:

  • भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर
  • यह 78 ईस्वी में शुरू हुआ
  • दक्षिण भारत में अधिक प्रचलित
  • शक राजा द्वारा स्थापित

3. गुजराती पंचांग (Gujarati Calendar)

संवत: 2081 (नाल)
मास: आसो मास (कृष्ण पक्ष)
तिथि: अष्टमी/नवमी

गुजराती पंचांग की विशेषता:

  • दिवाली के अगले दिन नया साल शुरू होता है
  • कार्तिक मास से शुरुआत

4. तमिल पंचांग (Tamil Calendar)

मास: ऐप्पसी (Aippasi)
पक्षम: कृष्ण पक्षम
तिथि: अष्टमी/नवमी

तमिल पंचांग की विशेषता:

  • सौर पंचांग पर आधारित
  • चैत्र मास (चिथिराई) से शुरू होता है

5. बंगाली पंचांग (Bengali Panjika)

संवत: 1432
मास: आश्विन मास
तिथि: कृष्ण अष्टमी/नवमी

6. मलयालम पंचांग (Malayalam Calendar)

मास: थुलम (Thulam)
तिथि: कृष्ण पक्ष अष्टमी/नवमी

7. तेलुगु पंचांग (Telugu Panchangam)

मास: आश्वयुजम (Aswayujam)
पक्षम: बहुल पक्षम (कृष्ण पक्ष)
तिथि: अष्टमी/नवमी

8. पंजाबी नानकशाही कैलेंडर

मास: असू
तारीख: 28

आज का चौघड़िया (Choghadiya Today)

चौघड़िया दिन के 24 घंटों को 8-8 भागों में बांटता है। प्रत्येक भाग लगभग 1.5 घंटे का होता है।

दिन का चौघड़िया (Day Choghadiya)

समयचौघड़ियाप्रकार06:27 AM - 07:58 AMउद्वेगअशुभ07:58 AM - 09:29 AMचरशुभ09:29 AM - 11:00 AMलाभशुभ11:00 AM - 12:31 PMअमृतअति शुभ12:31 PM - 02:02 PMकालअशुभ02:02 PM - 03:33 PMशुभशुभ03:33 PM - 05:04 PMरोगअशुभ05:04 PM - 05:58 PMउद्वेगअशुभ

रात का चौघड़िया (Night Choghadiya)

समयचौघड़ियाप्रकार05:58 PM - 07:29 PMशुभशुभ07:29 PM - 09:00 PMअमृतअति शुभ09:00 PM - 10:31 PMचरशुभ10:31 PM - 12:02 AMरोगअशुभ12:02 AM - 01:33 AMकालअशुभ01:33 AM - 03:04 AMलाभशुभ03:04 AM - 04:35 AMउद्वेगअशुभ04:35 AM - 06:06 AMशुभशुभ

शुभ चौघड़िया: अमृत, शुभ, लाभ, चर
अशुभ चौघड़िया: रोग, काल, उद्वेग

दिशा शूल (Disha Shul)

आज की दिशा शूल: पश्चिम दिशा

दिशा शूल उस दिशा को कहते हैं जिस दिशा में यात्रा या कोई महत्वपूर्ण कार्य शुरू करना अशुभ माना जाता है।

आज बचने योग्य दिशा: पश्चिम

आज के ग्रहों की स्थिति (Planetary Positions)

ग्रहराशिनक्षत्रसूर्यकन्याहस्तचंद्रमिथुनपुनर्वसु/पुष्यमंगलकर्कपुष्यबुधकन्याचित्रागुरुवृषभरोहिणीशुक्रकन्याउत्तरा फाल्गुनीशनिकुंभधनिष्ठाराहुमीनरेवतीकेतुकन्याउत्तरा फाल्गुनी

पंचांग क्या है? (What is Panchang?)

पंचांग शब्द संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – “पंच” (पांच) + “अंग” (अंग), अर्थात पांच अंगों वाला।

पंचांग के पांच अंग:

1. तिथि (Tithi)

  • चंद्रमा की कलाओं के आधार पर निर्धारित
  • 30 तिथियां होती हैं (शुक्ल पक्ष में 15 और कृष्ण पक्ष में 15)
  • प्रत्येक तिथि का अपना महत्व होता है

2. वार (Weekday)

  • सप्ताह के सात दिन
  • प्रत्येक वार का स्वामी ग्रह अलग होता है
  • रविवार (सूर्य), सोमवार (चंद्र), मंगलवार (मंगल), बुधवार (बुध), गुरुवार (बृहस्पति), शुक्रवार (शुक्र), शनिवार (शनि)

3. नक्षत्र (Constellation)

  • 27 नक्षत्र होते हैं
  • चंद्रमा की स्थिति के आधार पर निर्धारित
  • प्रत्येक नक्षत्र का अपना स्वामी ग्रह होता है

4. योग

  • सूर्य और चंद्रमा की युति से बनता है
  • 27 योग होते हैं
  • कुछ योग शुभ और कुछ अशुभ होते हैं

5. करण

  • तिथि का आधा भाग
  • एक तिथि में दो करण होते हैं
  • 11 प्रकार के करण होते हैं (7 चर करण और 4 स्थिर करण)

पंचांग का महत्व (Importance of Panchang)

धार्मिक महत्व:

  • व्रत-त्योहारों की तिथि निर्धारण
  • शुभ मुहूर्त की जानकारी
  • पूजा-पाठ के लिए उचित समय

सामाजिक महत्व:

  • विवाह मुहूर्त
  • गृह प्रवेश
  • नामकरण संस्कार
  • मुंडन संस्कार
  • यज्ञोपवीत संस्कार

व्यावसायिक महत्व:

  • नया व्यवसाय शुरू करना
  • दुकान का उद्घाटन
  • वाहन खरीदना
  • संपत्ति खरीदना
  • नई नौकरी शुरू करना

ज्योतिषीय महत्व:

  • कुंडली निर्माण
  • भविष्यफल
  • ग्रह दशा की गणना
  • मुहूर्त निर्धारण

आज के शुभ कार्य (Auspicious Activities Today)

आज का दिन निम्नलिखित कार्यों के लिए उपयुक्त है:

अति शुभ कार्य:

  1. विद्या आरंभ – नई पढ़ाई शुरू करना
  2. मंत्र साधना – सिद्ध योग होने से
  3. योग और ध्यान – आध्यात्मिक कार्य
  4. हनुमान पूजा – मंगलवार होने से
  5. काल भैरव पूजा – अष्टमी तिथि होने से

सामान्य शुभ कार्य:

  • नियमित पूजा-पाठ
  • जप-तप
  • दान-पुण्य
  • धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन
  • गुरु दर्शन

आज किन कार्यों से बचें (Avoid These Activities)

आडल योग होने से:

  • विवाह समारोह
  • मुंडन संस्कार
  • गृह प्रवेश

अष्टमी तिथि होने से:

  • नया व्यवसाय शुरू करना
  • नई संपत्ति खरीदना
  • महत्वपूर्ण वित्तीय निर्णय

राहुकाल में (03:05 PM – 04:32 PM):

  • कोई भी नया शुभ कार्य
  • यात्रा शुरू करना
  • महत्वपूर्ण बैठक
  • सौदे तय करना

आज की पूजा विधि (Today’s Puja Vidhi)

प्रातःकालीन पूजा:

समय: ब्रह्म मुहूर्त (04:51 AM – 05:39 AM)

  1. स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें
  2. घर के मंदिर को साफ करें
  3. दीपक जलाएं और अगरबत्ती लगाएं
  4. भगवान गणेश की पूजा करें
  5. कुलदेवता की पूजा करें
  6. तुलसी पूजन करें

मंगलवार विशेष पूजा:

समय: सूर्योदय के बाद

  1. हनुमान जी की प्रतिमा को शुद्ध जल से स्नान कराएं
  2. लाल फूल चढ़ाएं
  3. सिंदूर का तिलक लगाएं
  4. लड्डू या बूंदी का भोग लगाएं
  5. हनुमान चालीसा का पाठ करें
  6. आरती करें

सायंकालीन पूजा:

समय: गोधूलि बेला (05:58 PM – 06:22 PM)

  1. दीपक जलाएं
  2. घर के सभी मंदिरों में आरती करें
  3. तुलसी के पास दीपक लगाएं
  4. रात्रि भोजन से पहले भोग लगाएं

आज के विशेष मंत्र (Special Mantras for Today)

1. हनुमान मंत्र (मंगलवार के लिए):

ॐ हनुमते नमः।
ॐ आं हनुमते नमः।

हनुमान चालीसा का पाठ करें।

2. काल भैरव मंत्र (अष्टमी के लिए):

ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं।
ॐ भैरवाय नमः।

3. सिद्धि मंत्र (सिद्ध योग के लिए):

ॐ गं गणपतये नमः।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।

4. गायत्री मंत्र (सर्वोत्तम मंत्र):

ॐ भूर्भुवः स्वः।
तत्सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि।
धियो यो नः प्रचोदयात्॥

राशिफल संक्षेप (Today’s Horoscope Summary)

मेष राशि:

आज का दिन व्यवसाय के लिए अच्छा है। धन लाभ के योग हैं।

वृषभ राशि:

परिवार में खुशी का माहौल रहेगा। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी।

मिथुन राशि:

शिक्षा और ज्ञान में वृद्धि होगी। नए अवसर मिल सकते हैं।

कर्क राशि:

स्वास्थ्य का ध्यान रखें। आय में वृद्धि हो सकती है।

सिंह राशि:

आत्मविश्वास बढ़ेगा। नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन करें।

कन्या राशि:

कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी। वरिष्ठों का सहयोग रहेगा।

तुला राशि:

प्रेम संबंधों में मधुरता आएगी। सामाजिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी।

वृश्चिक राशि:

गुप्त शत्रुओं से सावधान रहें। मंगल देव की पूजा करें।

धनु राशि:

भाग्य का साथ रहेगा। दूर की यात्रा शुभ रहेगी।

मकर राशि:

कठिन परिश्रम से सफलता मिलेगी। धैर्य बनाए रखें।

कुंभ राशि:

नवीन विचारों को प्रोत्साहन मिलेगा। मित्रों का सहयोग रहेगा।

मीन राशि:

आध्यात्मिकता में रुचि बढ़ेगी। मानसिक शांति मिलेगी।

पंचांग से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न (FAQ)

प्रश्न 1: पंचांग देखना क्यों जरूरी है?

उत्तर: पंचांग देखना इसलिए जरूरी है क्योंकि यह हमें शुभ मुहूर्त की जानकारी देता है। ग्रहों की स्थिति के अनुसार कार्य करने से सफलता की संभावना बढ़ती है और बाधाएं कम आती हैं।

प्रश्न 2: तिथि और दिन में क्या अंतर है?

उत्तर: दिन सूर्य के आधार पर होता है जबकि तिथि चंद्रमा की कलाओं के आधार पर निर्धारित होती है। एक तिथि एक दिन से कम या ज्यादा हो सकती है।

प्रश्न 3: राहुकाल में क्या काम कर सकते हैं?

उत्तर: राहुकाल में नियमित कार्य, अध्ययन, हनुमान पूजा और शनि पूजा कर सकते हैं। लेकिन नया या शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।

प्रश्न 4: अभिजीत मुहूर्त क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर: अभिजीत मुहूर्त दिन का सबसे शुभ समय है। यह मध्याह्न में आता है और लगभग 48 मिनट का होता है। इसमें सभी दोष समाप्त हो जाते हैं।

प्रश्न 5: कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में क्या अंतर है?

उत्तर: पूर्णिमा के बाद अमावस्या तक कृष्ण पक्ष होता है (चंद्रमा घटता है)। अमावस्या के बाद पूर्णिमा तक शुक्ल पक्ष होता है (चंद्रमा बढ़ता है)।

प्रश्न 6: नक्षत्र का क्या महत्व है?

उत्तर: नक्षत्र चंद्रमा की स्थिति बताता है। 27 नक्षत्र होते हैं और प्रत्येक का अपना प्रभाव होता है। शुभ कार्य के लिए शुभ नक्षत्र चुना जाता है।

प्रश्न 7: योग क्या होता है?

उत्तर: योग सूर्य और चंद्रमा के बीच की दूरी की गणना है। 27 योग होते हैं। कुछ योग जैसे सिद्ध, अमृत, सुभ अत्यंत शुभ माने जाते हैं।

प्रश्न 8: करण किसे कहते हैं?

उत्तर: तिथि का आधा भाग करण कहलाता है। एक तिथि में दो करण होते हैं। 11 प्रकार के करण होते हैं।

प्रश्न 9: पूर्णिमांत और अमांत पंचांग में क्या अंतर है?

उत्तर: पूर्णिमांत में महीना पूर्णिमा से शुरू होता है (उत्तर भारत), अमांत में अमावस्या से शुरू होता है (दक्षिण भारत)।

प्रश्न 10: पंचांग ऑनलाइन कहां से देख सकते हैं?

उत्तर: कई वेबसाइट और ऐप्स उपलब्ध हैं जैसे Drik Panchang, mPanchang, AstroSage, आदि जहां से दैनिक पंचांग देख सकते हैं।

आज के विशेष व्रत और त्योहार

1. कृष्ण पक्ष अष्टमी व्रत

यह कालाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन काल भैरव की पूजा की जाती है।

व्रत विधि:

  • प्रातः स्नान करें
  • काल भैरव की पूजा करें
  • काले तिल, काली उड़द की दाल का दान करें
  • काले कुत्ते को भोजन कराएं
  • संध्या के समय दीप जलाएं

2. मंगलवार व्रत

हनुमान जी के व्रत के रूप में मनाया जाता है।

व्रत विधि:

  • सुबह स्नान के बाद हनुमान मंदिर जाएं
  • लाल फूल और चोला चढ़ाएं
  • हनुमान चालीसा का पाठ करें
  • शाम को फिर से मंदिर जाएं
  • लड्डू या बूंदी का प्रसाद बांटें

आज के दान और पुण्य कार्य

दान के लिए उत्तम समय:

  • ब्रह्म मुहूर्त: 04:51 AM – 05:39 AM
  • अभिजीत मुहूर्त: 12:00 PM – 12:48 PM
  • गोधूलि बेला: 05:58 PM – 06:22 PM

आज दान करें:

  1. अन्न दान – सबसे श्रेष्ठ दान
  2. वस्त्र दान – गरीबों को कपड़े
  3. भोजन दान – भूखों को भोजन
  4. जल दान – प्याऊ में पानी
  5. तिल और उड़द दान – अष्टमी तिथि के लिए विशेष
  6. लाल वस्त्र दान – मंगलवार के लिए
  7. गुड़ और चना दान – हनुमान जी के लिए

आज के विशेष उपाय (Remedies for Today)

सामान्य उपाय:

  1. सूर्योदय से पहले उठें
  2. स्नान के बाद पूजा करें
  3. तुलसी और पीपल को जल दें
  4. गाय को हरा चारा खिलाएं
  5. गरीबों को भोजन कराएं

मंगलवार के विशेष उपाय:

  1. हनुमान चालीसा का 7 बार पाठ करें
  2. लाल रंग के वस्त्र पहनें
  3. लाल फूल चढ़ाएं
  4. मसूर की दाल का दान करें
  5. गुड़ और चने का प्रसाद बांटें

अष्टमी तिथि के उपाय:

  1. काल भैरव की पूजा करें
  2. काले तिल का दान करें
  3. काली उड़द की दाल का दान
  4. काले कुत्ते को भोजन कराएं
  5. शिव मंदिर में जल चढ़ाएं

ग्रह शांति के उपाय:

  1. मंगल शांति: हनुमान पूजा, लाल वस्त्र दान
  2. शनि शांति: तेल का दान, काले कपड़े का दान
  3. राहु शांति: सरसों का तेल और काले तिल का दान

पंचांग ऐप्स और वेबसाइट्स

लोकप्रिय पंचांग ऐप्स:

  1. Drik Panchang – सबसे सटीक
  2. mPanchang – उपयोग में आसान
  3. Kundli by AstroSage
  4. iPanchang
  5. Hindu Calendar

विश्वसनीय वेबसाइट्स:

  1. drikpanchang.com
  2. mpanchang.com
  3. astrosage.com
  4. prokerala.com
  5. astroyogi.com

निष्कर्ष (Conclusion)

आज 14 अक्टूबर 2025, मंगलवार का पंचांग विशेष फलदायी है। सिद्ध योग होने से यह दिन विद्या आरंभ, मंत्र साधना और आध्यात्मिक कार्यों के लिए अत्यंत उत्तम है। मंगलवार होने से हनुमान पूजा और मंगल ग्रह शांति के उपाय करना विशेष लाभकारी रहेगा।

हालांकि, आडल योग और अष्टमी तिथि होने के कारण महत्वपूर्ण सांसारिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, नया व्यवसाय आदि टालना उचित रहेगा। राहुकाल में (दोपहर 03:05 PM से 04:32 PM तक) कोई नया शुभ कार्य न करें।

अभिजीत मुहूर्त (दोपहर 12:00 PM – 12:48 PM) का लाभ उठाएं और शुभ कार्य करें। पुनर्वसु और पुष्य नक्षत्र होने से यात्रा, व्यापार और शिक्षा संबंधी कार्य शुभ रहेंगे।

पंचांग के अनुसार अपने कार्य करें और ईश्वर की कृपा प्राप्त करें। हर हर महादेव! जय हनुमान!

महत्वपूर्ण सूचना (Important Note)

  • यह पंचांग उज्जैन (मध्य प्रदेश) के लिए तैयार किया गया है
  • अलग-अलग स्थानों के लिए समय में थोड़ा अंतर हो सकता है
  • शुभ मुहूर्त के लिए स्थानीय पंचांग या ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें
  • महत्वपूर्ण कार्यों के लिए कुंडली मिलान आवश्यक है

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